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Saturday, January 12, 2013

type of diabetes


भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। आंकड़ों की यह बढ़त आधुनिक जीवन शैली और आहार की अनियमितता की वजह से विकराल हो रही है। डॉ. संजय गुजराती दे रहे हैं पाठकों के डायबिटीज संबंधी प्रश्नों े जवाब। डॉ. गुजराती जानेमाने फीजिशियन और कॉर्डियोलॉजिस्ट हैं। मधुमेह पर उन्हें विशेषज्ञता हासिल है। 

मधुमेह कितने प्रकार के होते हैं? 

डॉ. संजय गुजराती : 

मधुमेह मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं-

इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (आईडीडीएम या प्रकार 1 मधुमेह) 

आमतौर पर यह बचपन या युवावस्था में होता है। सामान्यतया इस तरह के मरीज बहुत पतले होते हैं और किसी वायरल संक्रमण के बाद उनको अचानक यह रोग हो जाता है। कोशिकाएं विकसित करने वाले पैन्क्रिया पहले ही खराब हो चुके होते हैं और इंसुलिन की आवश्यक मात्रा उत्पन्न नहीं कर पाते। इसीलिए इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए इंसुलिन लेना आवश्यक हो जाता है।

नॉन इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस (एनआईडीडीएम या प्रकार 2 मधुमेह) 

मधुमेह रोगियों में से लगभग 95 प्रतिशत को प्रकार 2 मधुमेह होता है। इस तरह के लोग मोटे होते हैं और ज्यादातर उनका पेट निकला होता है। उनमें से अधिकतर लोगों का रोग वाला पारिवारिक इतिहास होता है। उनका रोग धीरे-धीरे बढ़ता है और काफी लंबे समय तक लक्षण दिखाई नहीं देते। 

उनकी इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं शुरू-शुरू में ज्यादा इंसुलिन उत्पन्न करती हैं और इंसुलिन की कमी पूरी करती हैं। लेकिन कुछ समय बाद इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इंसुलिन बनाना बंद कर देती हैं और मरीज मधुमेह का रोगी बन जाता है, तब उनको अपनी रक्त शर्करा नियंत्रित करने के लिए दवाएं लेना शुरू करनी पड़ती हैं।

Ye hain bharat maan ke sachche bete

Saturday, January 5, 2013

मेरा भी होता है बलात्कार, एक बार नहीं कई बार

-जब सरेराह बीसियों निगाहें मुझे ऊपर से नीचे तक गौर से घूरती है,

-जब सड़क चलते कोई भद्दे इशारे करता है;
...
-जब पीछे से किसी मर्द द्वारा सीटी बजाने या चूमने की आवाज निकाली जाती है,

... -मुझे रंग रूप या कपड़ों से उपनाम देकर छेड़ा जाता है,

-जब महिलाओं को नीचा दिखानेवाले चुटकुले सरेआम सुनाए जाते हैं या एसएमएस किए जाते हैं

-जब समूह में महिलाओं को दोयम दर्जे पर रखने की बात दोहराई जाती है,

-जब पुरुष अपनी ही पत्नियों के कम अक्ल होने का दावा कर उन्हें अपमानित करते हैं,

-जब बस स्टॉप पर खड़े होने के बावजूद कोई लिफ्ट लेने के लिए जबरदस्ती करता है,

-जब निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी की बात को हंसी में उड़ाया जाता है,

इसे सहन करती है मेरे जैसी कई महिलाएं .....इनकी कहीं रिपोर्ट नहीं........

कहीं इस बलात्कार के अपराधी आप तो नहीं..........?

जी हां हर रोज, सरे राह, मेरा भी होता है बलात्कार.... क्या आप भी करते हैं यह अनाचार... ??
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
... ... मस्तक सब बिक जाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे |

कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएंगे?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे....

why people become fat

मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो स्त्री, पुरुष व बच्चे किसी को भी हो सकती है। मोटापा व्यक्ति की सुन्दरता नष्ट कर देता है और ज्यादा मोटापा समाज में हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देता है।
मोटापा कई कारणों से हो सकता है जैसे- खान-पान, बैठक का काम करना, व्यायाम न करना आदि। कई बार मोटापा वंशानुगत भी होता है, परिवार में सभी मोटे लोग हैं तो आने वाली संतान भी मोटी हो सकती है।

जिस प्रकार खांसी को, कब्ज को रोग का घर कहा जाता है, वैसे ही मोटापे को भी कई बीमारियों का जनक माना जाता है। दिल संबंधी, ब्लडप्रेशर संबंधी, गैस संबंधी, डायबिटीज संबंधी आदि कई तरह की बीमारियों का संबंध मोटापे से होता है।

शरीर में अतिरिक्त चर्बी जम जाने पर यह प्रकट होता है। मोटापा शरीर के कुछ अंगों पेट, जांघ, हाथ, नितम्ब, कमर आदि को अनावश्यक रूप से फुलाते हुए अपने आस-पास के अंगों को दबाता चला जाता है, इस तरह यह पूरे शरीर को अपने कब्जे में ले लेता है।

इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिल, दिल की धमनियों आदि पर होता है। मोटापे में दिल के आसपास धमनियों में चर्बी जमा हो जाती है और दिल की परेशानियां बढ़ जाती हैं।

आचार्य चरक के अनुसार : अधिक मोटे व्यक्ति के शरीर में चर्बी ही बढ़ती है, अन्य धातुएं उतनी नहीं बढ़तीं। मोटे व्यक्ति अल्पायु तो होते हैं, पुरुषत्वहीन, वीर्यविहीन, पसीने से परेशान, भूख-प्यास से व्याकुल तथा अनेक बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। मोटा व्यक्ति भूख शांत करने के लिए नहीं खाता, बल्कि स्वादेन्द्रियों को शांत करने के लिए नाना प्रकार के भोजन करता है।

यूं भी कह सकते हैं कि अतिरिक्त भोजन मिलने पर, आरामतलब होने पर तथा परिश्रम न करने पर हमारा शरीर अनावश्यक चर्बी एकत्र करने लग जाता है, यही चर्बी मोटापे का रूप होती है। चर्बी शरीर के लिए आवश्यक होती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा चर्बी हानिकारक होती है।

चर्बी शरीर के सेल बनाने के लिए जरूरी है, सामान्य शरीर के लिए प्रतिदिन 60 ग्राम चर्बी जरूरी होती है। एक चौथाई चम्मच में 9 कैलोरी होती है। इसी प्रकार एक ग्राम प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट में मात्र 4 कैलोरी होती है।

मोटापे के कारण

* मोटापे का सबसे प्रमुख कारण है आरामतलबी होना, अय्याशी का जीवन जीना और परिश्रम न करना।

* चाहे जब भोजन करना, भोजन में वसा, मिठाई, तेल, घी, दूध, अंडे, शराब, मांस, धूम्रपान, अन्य तरह का नशा आदि की अति कर देना।

Obesity
* महिलाओं में मोटापा फैलने के कारणों में- भोजन में अति, भोजन पश्चात दिन में सोना व परिश्रम कम करना, गर्भवती स्त्रियों को गर्भस्थ शिशु के नाम पर अनावश्यक खिलाते रहना। प्रसव बाद भी मेवों का अति सेवन कराना और शारीरिक श्रम कम करना, हमेशा घर में ही बने रहना आदि। प्रायः बाहर काम करने वाली स्त्रियां हाउस वाइफ की अपेक्षा कम मोटी होती हैं।

* बच्चों के मोटापे का कारण भी यही है कि माता-पिता लाड़-प्यार में बच्चे को वसा, प्रोटीन से भरपूर पदार्थ अनावश्यक खिलाते रहते हैं। इससे शरीर में मेद वृद्धि बचपन से ही आ जाती है। कई बार दुबले माता-पिता के बच्चे इसी कारण मोटापे की गिरफ्त में आ जाते हैं।

* शरीर की कुछ ग्रंथियां भी मोटापे का कारण होती हैं, मौलिक चयापचय की क्रिया व शरीरिक क्रियाशीलता के फलस्वरूप अवटुका ग्रंथि और पीयूष ग्रंथि के स्रावों की कमी की वजह से मोटापा पनपता है।

* वंश परंपरा भी मोटापे का कारण है, यहां इसे रोग नहीं कह सकते। मोटे माता-पिता के बीज से पैदा होने वाला बच्चा भी मोटा ही होता है।

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Wednesday, January 2, 2013

Earn Money


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